जिसे पाने की चा ह में हमने उम्र गुजार दी
उसे खोने का गम कोई और क्या जाने
गर कम नहीं होगा बड़ ही तो जायेगा
इक बार फिर लौट आओ प्रिय दर्द दिल में वर्षो से ठहरा है
जब तुम पास आये तो मरने का डर चला गया
जब तुम दूर गये तो जीने का शऊर आ गया
जमाना जान गया की कुछ परियासं उतारी है जमी पर
और एक हम थे जो तुझमें ही खोया रहे
उसे खोने का गम कोई और क्या जाने
गर कम नहीं होगा बड़ ही तो जायेगा
इक बार फिर लौट आओ प्रिय दर्द दिल में वर्षो से ठहरा है
जब तुम पास आये तो मरने का डर चला गया
जब तुम दूर गये तो जीने का शऊर आ गया
जमाना जान गया की कुछ परियासं उतारी है जमी पर
और एक हम थे जो तुझमें ही खोया रहे
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें