शेर
दुःख शुख दोनों साथ रखते है
जो अपने आसुओं में आग रख्त्ये है
टकरा कर बिखरा तूफां तबजाना सबने
हम अपने रुतबे में कितना शैलाब रखते है
सितारों की बस्ती बिखर जाती है
जब चादनी आसमां में
दुःख शुख दोनों साथ रखते है
जो अपने आसुओं में आग रख्त्ये है
टकरा कर बिखरा तूफां तबजाना सबने
हम अपने रुतबे में कितना शैलाब रखते है
सितारों की बस्ती बिखर जाती है
जब चादनी आसमां में
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