चलते चलते यूं ही ठहर गए थे
कई सपने आखों मे संवर गए थे
ये बात और है की उन्हे खबर ना हुई
पर हम इश्क मे हद से गुजर गए थे ,/
कई डगमगाते कदमों को सँभाला मैंने
था शौक ही कुछ ऐसा पाला हमने
एक मुद्दत से अंधेरा इसलिए साथ में है
एक सदी भर लुटाया था उजाला हमने /
कई सपने आखों मे संवर गए थे
ये बात और है की उन्हे खबर ना हुई
पर हम इश्क मे हद से गुजर गए थे ,/
कई डगमगाते कदमों को सँभाला मैंने
था शौक ही कुछ ऐसा पाला हमने
एक मुद्दत से अंधेरा इसलिए साथ में है
एक सदी भर लुटाया था उजाला हमने /
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