रविवार, 12 फ़रवरी 2017

इस  रंग ए मुहब्बत  में सब अनायास बन गया
ये पतझड़  का मौसम  भी मधुमास  बन गया
बारिश ए मुहब्बत  में भीगें तो हम दोनों  थे
वो पारो  ना बन सकी पर  मै देवदास बन गया 

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