kavi vaibhav katiyar,
कोई दौर ज़िंदगी का सदा ना चला
आदमी ही चला कभी रास्ता ना चला
आज वही दे रहा है दूसरों को खबर
जो खुद को कभी पता ना चला,
कोई दौर ज़िंदगी का सदा ना चला
आदमी ही चला कभी रास्ता ना चला
आज वही दे रहा है दूसरों को खबर
जो खुद को कभी पता ना चला,
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