बुधवार, 3 फ़रवरी 2016

गीत

बात जरा पुरानी है  दर्द दिल में गहरा है
आज मेरी आखों में फिर उसी का चेहरा है

1
 खुद से ज्यादा चाहा जिसको. वो कभी मिलता नहीं ,
 आशाओं का सूरज               आखों  से ढलता नही

कैसे दिल को समझाऊ . ये तो गूगा  बहरा है
आज मेरी आखों में .......

2
  रूठ रूठ कर मानना . मीत के वो चार दिन
  याद आते है बहुत        प्रीत के वो चार दिन

ख़्वाब अतीत में जाकर उनकी गली में ठहरा है
आज मेरी आखों में ...............
गीत

मुश्किलों  में राहें बनाते चलो
ज़िन्दगी भी गीत है गाते चलो

1
अंगार पर भी शबनमी  बोछार कीजिये
काटों से भी फोलों के लिएप्यार कीजिये

अंधेरों में दीप जलाते चलो .    जिन्दगी भी गीत ......

2

कोई बाजियां हर कर जीत कर रहा
नीले गगन की छाँव में प्रीत कर रहा

रोम रोम मीत पर लुटते चलो .     जिन्दगी भी गीत ........

मुस्किलो में राहें बनाते चलो
जिन्दगी भी गीत है गाते चलो