गुरुवार, 23 मार्च 2017






शुक्रवार, 17 मार्च 2017

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                गजल
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ये दिल जिस्मों जाँ सब निसार  करते
वो चाहता तो हम भी उसे प्यार करते ,

उसने अच्छा ही किया कोई वादा ना करके
वरना बेवजह हम उम्रभर इंतजार करते


आपकी कश्ती ही जब हमे डुबोने लगी
तो किसके सहारे हम दरिया पार करते

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गुरुवार, 16 मार्च 2017







बुधवार, 15 मार्च 2017







मंगलवार, 14 मार्च 2017